New Delhi, 28 November (NNS): The availability of liquid milk reported to be weak in the plants of North India as comparatively, due to which, it takes a lot of hard work in the procurement. On the other hand, the new stock of milk powder has been selling out constantly in the spot market on seeing the huge amount of weddings. It is expected that the prices may decrease from the second week of the next month due to the weak selling of the stored stock. Therefore, there is no need to get panic at the current level. The traders are not selling the milk powder of South India at the lower level and the market showed strong trend in the international markets, due to this reason, it is profitable to trade at the current level.

दूध पाउडर-इन भावों में मजूरी का काम

नई दिल्ली, 28 नवम्बर (एनएनएस) उत्तर भारत में लिक्विड दूध की उपलब्धि अपेक्षाकृत प्लांटों के अनुरूप नहीं हो रही है, जिससे प्रोक्योरमेंट में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं जबरदस्त शादियों के चलते जो दूध पाउडर बन रहा है, वह हाजिर में बिकता जा रहा है। स्टॉक में माल ज्यादा नहीं जाने से अगले महीने के दूसरे सप्ताह से ही मंदे के आसार दिखाई दे रहे हैं। अत: वर्तमान भाव में घबराने की जरूरत नहीं है। दक्षिण भारत के दूध पाउडर भी वर्तमान भाव से घटाकर बिकवाल नहीं आ रहे हैं तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार इस बार शुरू से ही मजबूत चल रहे हैं, इस वजह से अभी मजूरी का व्यापार करते रहना चाहिए।

Desi ghee: shortage of the inferior quality stock

New Delhi, 28 November (NNS): The prices of desi ghee have been ruling at the higher level because of the weak supply as per the capacity in all the producing plants including Meerut, Khurja, Siyana, Bulandsheher, Aligarh, Khurja, Charra, Kaasganj, Pihova, palwal, Agra. Mewaat, Kurukshetra, Kundali and Raai, due to this reason, the production cost has been ruling at the higher level in the manufacturing companies. On the other hand, the companies have sold their old stock of butter in the markets. Here, the all-round wedding demand seems constant. This year, the consumption of pea increased by 11 percent, in these circumstances, the prices of desi ghee may not show downfall on seeing the lack of butter stock.

देसी घी-मंदे पड़ते का माल नहीं

नई दिल्ली, 28 नवम्बर (एनएनएस) उत्तर भारत में लिक्विड दूध की आपूर्ति मेरठ खुर्जा सियाना बुलंदशहर अलीगढ़ खुर्जा छर्रा कासगंज पिहोवा पलवल आगरा मेवात कुरुक्षेत्र कुंडली राई सभी क्षेत्रों के उत्पादक प्लांटों में क्षमता के अनुरूप नहीं पहुंचने से इसके भाव ऊंचे चल रहे हैं। जिस कारण निर्माता कंपनियां में उत्पादन लागत महंगी हो गई है। दूसरी ओर पुराना बटर कंपनियों में पहले ही निपट चुका था। इधर शादियों के चौतरफा मांग बनी हुई है, इस बार 11 प्रतिशत मटर की खपत बढ़ गई है, इन परिस्थितियों में बटर की कमी को देखते हुए अभी देसी घी में मंदा नहीं लग रहा है।