New Delhi, 14 may (NNS): The companies have not increased the prices of milk powder yet during the current month because the temperature seems during the last two days. This year, the availability of liquid milk reported to be high as compared to some previous yeast because of the mills weak temperature than the normal level, despite all this, both the local and the upcountry demand has been started increasing constantly at the lower level, due to this reason, there is no possibility of more downtrend in the prices. Whereas, there will be the lack of weddings during the coming month. Therefore, it is profitable to take the profit at the higher level during the coming days.
दूध पाउडर-अभी तेजी का व्यापार नहीं
नई दिल्ली, 14 मई (एनएनएस) चालू माह में दूध पाउडर के भाव कंपनियों ने अभी तक नहीं बढ़ाया है क्योंकि मौसम का तापमान पहले की अपेक्षा 2 दिन और से कम चल रहा है। इस बार मौसम का तापमान कम रहने से लिक्विड दूध की उपलब्धि बीते कई वर्षों की अपेक्षा अधिक है, इन सबके बावजूद भी नीचे वाले भाव में अब लोकल एवं चालानी मांग निकलने लगी है, जिस कारण अभी घटने की गुंजाइश नहीं है। वहीं आगे शादियां अगले माह तक बंद रहेंगी। अत: एक बार बढ़े हुए भाव में दूध पाउडर को बेचकर मुनाफा ले जाना चाहिए।
Desi ghee: uptrend after some time
New Delhi, 14 may (NNS):Presently, less number of desi ghee plants have been running due to the lack of liquid milk stock, due to which, the production of both desi ghee and butter seems sluggish. The arrivals of liquid milk reported to be weak in the plants of desi ghee due to the higher consumption of poly pack in the plants despite the decrement in the temperature. In contrary to this, there is a shortage of butter stock in the plants of North India. Now, the producing companies are manufacturing less amount of desi ghee and butter stock, due to this reason, desi ghee is being quoted at Rs 7450/7750 per quintal. Its inferior quality stock also being sold at Rs 6500/6800 per quintal.
देसी घी-कुछ दिन ठहराव के बाद तेजी
नई दिल्ली, 14 मई (एनएनएस) लिक्विड दूध की कमी होने से देसी घी के प्लांट कम चल रहे हैं, जिससे देसी घी एवं बटर कम बन रहा है। तापमान घट जाने के बावजूद भी पोली में लिक्विड दूध की खपत बढ़ जाने से लिक्विड दूध देसी घी के प्लांटों में कम आ रहा है। उधर उत्तर भारत के प्लांटों में बटर की कमी बनी हुई है। देसी घी एवं बटर, उत्पादन करने वाली कंपनियां कम बना रही हैं, यही कारण है कि 7450/7750 रुपए के देसी घी के भाव बोलने लगे है। हल्के माल 6500/6800 रुपए के बीच बिक रहे हैं।