New Delhi, 29 October (NNS):  The traders are facing the loss during the last 10 months because of the uptrend in the prices as compared to the same period of the previous year. Now, most of the companies have already sold out their stock in the market and the arrivals of paddy seem feeble in the markets as comparatively. On the other hands, the enquiry has also been started increasing at the current level due to the support of export, due to which, the prices may not show more downfall. However, the prices of all varieties of basmati declined by Rs 200 per quintal. Here, the prices of new sela 1509 also being sold at Rs 5450/5550 per quintal. Apart from this, the prices of sharbati, taaz and rice 1718 also showed uptrend, due to this reason, the market may show uptrend during the near future.

बारीक चावल-अभी और मंदा नहीं

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) गत वर्ष की सीजन में आई भारी तेजी का नुकसान पिछले 10 महीने तक कारोबारियों को उठाना पड़ा है। अब अधिकतर कारोबारियों का माल कट चुका है तथा धान अपेक्षाकृत कम मंडियों में आ रहा है, इसकी पकाई भी बढ़िया नहीं है। दूसरी ओर निर्यात का समर्थन मिलने से अब वर्तमान भाव पर निर्यातकों की पूछ परख आने लगी है, जिससे मंदे को विराम लग रहा है। हालांकि ऊंचे के भाव से 200 रुपए प्रति क्विंटल की सभी तरह के बासमती प्रजाति के चावल में गिरावट आ गई है। यहां नया 1509 सेला चावल 5450/5550 रुपए बिक रहा है, शरबती, ताज एवं 1718 चावल में भी तेजी आ गई है, इस कारण और बाजार पर जाएगा।

Wheat: will remain high

New Delhi, 29 October (NNS):  The government has to sell the stock of wheat in the open markets from the month of October, but it refused to sell it, due to this reason, the market may increased to Rs 3080/3090 per quintal. Notably, the stock of wheat has been lying in the markets and there is no doubt in it, but the stock has also been stored in the big companies which are being sold at the lower level. Therefore, the government should have to sell the stock in the open markets, otherwise, it have to be strict and the inflation will likely to remain under control.

गेहूं-तेजी कायम रहेगी

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री अक्टूबर माह से खुले बाजार में की जानी थी, लेकिन उसे बेचने से मना कर दिया गया है। यही कारण है निरंतर बाजार बढ़ते हुए 3080/3090 रुपये प्रति कुंतल हो गए। गौरतलब है कि गेहूं का स्टॉक मंडियों में है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन बड़ी कंपनियां स्टॉक में रखी हुई है, जो घटाकर बेचने के पक्ष में नहीं है। अत: सरकार को या तो गेहूं की बिक्री खुले बाजार में करनी पड़ेगी, अन्यथा स्टॉक पर सख्ती करनी होगी, तभी तेजी नियंत्रण में हो पाएगी।

Maize: no more uptrend

New Delhi, 29 October (NNS): The production of rabi maize seems high in the famous markets like UP and Bihar, despite all this, the consumption of the ethanol companies increased by 27/28 percent, due to which, there is a shortage of the stock in the markets. The reality is that almost 68 percent of the godowns of maize have already been fulfilled in the markets of Bihar and there, the season has been over. The arrivals of maize has been started increasing constantly in MP. There, it has been selling at Rs 2625/2650 per quintal in Haryana and Punjab reach, but the stock is full of 13/14 percent moisture, due to this reason, there is no possibility of more u uptrend in the prices and it is profitable to sell the stock of Bihar at the current level.

मक्की- अब और तेजी नहीं

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) यूपी बिहार दोनों ही प्रमुख राज्यों में रबी सीजन की मक्की का उत्पादन अधिक हुआ है, इन सब के बावजूद भी एथेनॉल कंपनियों की 27-28 प्रतिशत अतिरिक्त खपत बढ़ जाने से मंडियों में शॉर्टेज की स्थिति बन गई है। वास्तविक यह है कि बिहार की मंडियों में जो मकई के स्टाक के लिए गोदाम थे, वह इस बार 68 प्रतिशत ही भर पाए हैं तथा वहां सीजन समाप्त हो गया है। मध्य प्रदेश में लगातार मक्की की आवक बढ़ने लगी है, वहां का माल हरियाणा पंजाब पहुंच में 2625/2650 रुपए बिकने लगा है, जिसमें 13-14 प्रतिशत नमी वाला माल बताते हैं। इस वजह से अब तेजी की गुंजाइश नहीं है तथा वर्तमान भाव में बिहार के माल को भी बेचते रहना चाहिए।

Millet: all-round constant buying from the stockists

New Delhi, 29 October (NNS): The production of millet reported to be high, despite all this, the consumption of millet also seems high in the consuming industries along with the distillery plants because of the higher prices of wheat and maize. This year, almost 30/35 percent of millet has been mixed in the foodgrains, due to this reason, there is a shortage of the stock, due to this reason, it was being sold at Rs 2580/2600 per quintal. The new crop of millet has been started arriving constantly in the Prayagraj line. Now, the arrivals of the stock seems constant in Rajasthan, Haryana and Western UP, but the buying seems continuous in Haryana and Punjab. Apart from this, the distillery planters are also purchasing the stock at the current level, due to which, there is no possibility of more downtrend in the prices and the trade will be profitable during the near future.

बाजरा-स्टॉकिस्ट चौतरफा लिवाल

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) बाजरे का उत्पादन अधिक होने के बावजूद भी मक्की और गेहूं के ऊंचे भाव होने से बाजरे की खपत डिस्टिलरी प्लांटों के अलावा अन्य खपत वाले उद्योगों की बढ़ गई है। इस बार अप राजस्थान का बाजरा 30-35  प्रतिशत शुरू में ही खाद्यान्नों में हो गया, जिस कारण यह भी शॉर्टेज में आ चुका है तथा मौलीबरवाला पहुंच में 2580/2600 रुपए बिक गया है। यूपी के प्रयागराज लाइन में नई फसल आने लगी है, अभी पश्चिमी यूपी हरियाणा राजस्थान का माल आ रहा है, लेकिन लगातार हरियाणा पंजाब की खरीद चल रही है, डिस्टिलरी प्लांट वाले भी खरीद रहे हैं, जिससे ज्यादा घटने की गुंजाइश इस बार नहीं है तथा आगे व्यापार भरपूर लाभदायक रहेगा।

Masoor: increment after the correction

New Delhi, 29 October (NNS):  The old stock of masoor has not been lying in the markets of Mungaoli, Ganj basauda and Saagar line despite the higher production. Now, its prices have been ruling at Rs 6620/6630 per quintal due to the all-round increased demand. The masoor of Canada has not been available at the sluggish level because there, the prices have gone up by $20/25 per tonne, in these circumstances, there is no risk in the trade at the current level and the prices may increase by Rs 200 per quintal during near future.

मसूर-कलेक्शन के बाद फिर बढ़ेगी

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) मसूर का उत्पादन अधिक होने के बावजूद भी पुराना स्टॉक मुंगावली गंज बासौदा सागर लाइन का मंडियों में नहीं बचा था। अब चौतरफा मांग निकलने से इसके भाव 6620/6630 रुपए हो गए हैं। कनाडा की मसूर की सस्ते पड़ते की नहीं मिल रही है , क्योंकि वहां हाल ही में 20-25 डॉलर प्रति टन की और तेजी आ गई है, इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव की मसूर में जोखिम नहीं है तथा आगे चलकर 200 रुपए प्रति कुंतल की तेजी आ सकती है।

Urad: possibility to increase

New Delhi, 29 October (NNS): This year, the stock of urad has been sown in around 5.5 lakh hectares in all the producing markets including MP and Maharashtra, whereas, the sowing was around 3.5 lakh hectares. Its sowing reported to be high, despite all this, the production may decrease due to the decrement in the temperature during the previous month, due to which, the upcoming production went down from 45 lakh to 40 lakh metric tonnes. Here, there is a lack of stock in all the markets of Delhi, Chennai, Kolkata and Mumbai. Now, the stock has been selling out in the milling, due to which, the prices may not decrease from Rs 96.5 per kg and the small stock also ruling at Rs 88 per kg.

उड़द-अभी बढ़ने की उम्मीद

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) उड़द की बिजाई मध्य प्रदेश महाराष्ट्र सहित सभी उत्पादक राज्यों में साढ़े पांच लाख हैक्टेयर भूमि में हुई थी, जबकि गत वर्ष यह बिजाई साढ़े तीन लाख हेक्टेयर के आसपास ही हुई थी। इसकी बिजाई अधिक होने के बावजूद पिछले माह मौसम की मार पड़ने से उत्पादकता घटने का अनुमान है, जिससे आने वाला उत्पादन 45 से घटकर 40 लाख मीट्रिक टन के आसपास बैठने आशंका बन गई है। इधर वर्तमान में चेन्नई मुंबई कोलकाता दिल्ली किसी भी मंडी में उड़द का स्टॉक नहीं है, जो माल आ रहा है, वह मिलिंग में जा रहा है, जिससे 96.5 रुपए प्रति किलो से घटने की भी अभी गुंजाइश नहीं है, छोटा माल 88 रुपए बोल रहे हैं।

Moong: no possibility to increase

New Delhi, 29 October (NNS): The government are purchasing the stock of moong at the minimum support price in Rajasthan and Maharashtra, due to which, there, the market have been ruling at the higher level. In October, the crop of Rajasthan will arrive and there also, the sowing increased by 1.5 percent, in these circumstances, there is no possibility of long uptrend in the prices, but the moong which was being sold at Rs 7000/7600 per quintal and the prices may not show more downfall from here. Its prices may increase by Rs 150/200 per quintal due to the increased sale of its dal. Therefore, there is no risk in the trade at the current level, but the stock should not be purchase on seeing the long uptrend. The dhoya stock also ruling at Rs 6500/7000 per quintal.

मूंग- तेजी की गुंजाइश नहीं

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) महाराष्ट्र राजस्थान में सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने के समाचार मिल रहे हैं, जिससे वहां की मंडियां तेज हो गई हैं। अक्टूबर में राजस्थान की फसल आ जाएगी तथा वहां भी बिजाई डेढ़ गुनी हुई है, इन परिस्थितियों में लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए, लेकिन जो मूंग 7000/7600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है, इसमें मंदा भी नहीं आएगा। दाल की बिक्री निकलने पर 150/200 रुपए और बढ़ सकते हैं। अत: वर्तमान में व्यापार में रिस्क नहीं है, लेकिन लंबी तेजी सोच कर खरीद नहीं करना चाहिए। धोया वाले माल अभी भी 6500/7000 रुपए के बीच क्वालिटी अनुसार बिक रहे हैं।

Tur: possibility to increase from here

New Delhi, 29 October (NNS): No new crop of tur will likely to arrive before three months and 70 percent of the old stock has already been sold out in the markets. On the other hand, the stock of spot shipments has not been available at the lower level in Burma and the tur of September and October shipments also being quoted up by $35/40 per tonne, in these circumstances, the lemon tur was being sold at Rs 98.75 per kg, but today, it is being quoted at Rs 105.25 per kg and the prices may increase by Rs 3/4 per kg. Now, the prices may not show more downfall during the near future.

तुवर-यहां से और तेजी संभव

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) तुवर की 3 महीने से पहले कोई फसल आने वाली नहीं है तथा पुराना देसी माल 70 प्रतिशत बिक चुका है। उधर बर्मा में मंदे भाव की तुवर हाजिर शिपमेंट की नहीं मिल रही है तथा सितंबर-अक्टूबर शिपमेंट के भाव 35-40 डॉलर प्रति टन बढ़ाकर बोल रहे हैं, इन परिस्थितियों में पिछले सप्ताह 98.75 रुपए प्रति किलो लेमन तुवर बिकने के बाद बढ़ाकर आज 105.25 रुपए बोलने लगे हैं तथा आगे अभी 3/4 रुपए किलो की और तेजी लग रही है।अब और मंदा नहीं है।

Gram desi: downfall due to the fear

New Delhi, 29 October (NNS): According to the traders, around 77 lakh metric tonnes of gram desi reported to be produce, whereas, the consumption is around 123 lakh metric tonnes. Therefore, the import deals seems constant from Australia, whose fear seems constant, due to this reason, the mills are purchasing the stock as per the consumption. On the other hand, the traders are selling the stored stock at the lower level, due to which, the prices of gram on standing motor reduced by Rs 25 to Rs 7275/7300 per quintal at the Lawrence Road. Now, the prices may not show more downfall and the market may likely to remain stable at the same level because the stock of Australia wills likely to arrive after some time, due to which, the market may show uptrend during the near future, but it is expected that the market may likely to remain stable at the same level, due to which, the market may show uptrend during the near future.

देसी चना-केवल दहशत का मंदा

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) देसी चने का उत्पादन हमारा 77 लाख मीट्रिक टन का व्यापारियों के मुताबिक हुआ है, जबकि खपत 123 लाख मीट्रिक टन की है। अत: इसकी पूर्ति के लिए ऑस्ट्रेलिया से आयात सौदे लगातार हो रहे हैं, जिसकी दहशत बनी हुई है। इस वजह से दाल मिलें खपत के अनुरूप ही माल खरीद रही है। दूसरी ओर स्टॉक के माल घटाकर बिकवाली में आ गए हैं, जिससे इसके भाव 25 रुपए और घटकर 7275/7300 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में रह गए हैं। अब यहां से ज्यादा मंदा नहीं लग रहा है, बाजार यहां ठहर जाएगा, क्योंकि अभी ऑस्ट्रेलिया के माल आने में विलंब है, जिससे बाजार दोबारा बढ़ सकता है।

Rajma chitra: no trade of more uptrend

New Delhi, 29 October (NNS): This year, the sowing of rajma chitra reported to be bumper in Pune, Satara, Waai, Khataav, Mayani and Baduch line, due to this reason, the market fell down to Rs 68/75 per kg, but the demand seems improved at the lower level, due to which, the market may show downfall after some time. Now, the rajma chitra china of October and November shipments also showed downfall after the uptrend in the prices, but the prices may not show uptrend on seeing the higher production. Therefore, it is profitable to take the profit at the current level.

राजमां चित्रा- तेजी का व्यापार नहीं

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) राजमां चित्रा की बिजाई इस बार पुणे सतारा वाई खटाव माइनी बड़ूच लाइन में अधिक होने से उत्पादन भी बंपर हुआ है, इस वजह से लगातार बाजार टूटकर 68/75 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं, लेकिन नीचे वाले भाव में व्यापारियों की सुधर गई है जिससे मंदा रूक गया है। अभी अक्टूबर से नवंबर शिपमेंट तक का राजमां चित्रा चीन का बढ़ने के बाद घटने लगा है, लेकिन बढ़े भाव में उत्पादन को देखकर और तेजी नहीं लग रही है। अत: एक बार मुनाफा भी लेते रहना चाहिए।

Gram kabuli: no uptrend in near future

New Delhi, 29 October (NNS): The prices of gram kabuli dropped down by Rs 8/10 per kg during the current month and the market remained stable at the same level after the downfall during the last two days. The gram kabuli of Maharashtra which was being sold at Rs 112 per kg before one and a half month, now, it is ruling at Rs 98/100 per kg. Apart from this, the prices of other stock also showed downfall in the same ratio. It is profitable to sell the stock at the current level on seeing the stock in the producing markets. The inferior quality stock also ruling at Rs 90/93 per kg and the best stock of Karnataka also being available at Rs 113/115 per kg respectively. The prices of gram kabuli showed downfall in the international markets. Therefore, it is profitable to sell the stock at the current level.

काबुली चना- निकट में तेजी नहीं

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) काबुली चने में चालू माह के अंतराल 8/10 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है तथा अब दो दिन से काफी घटने के बाद बाजार ठहर गया है। जो काबुली चना महाराष्ट्र का डेढ़ माह पहले 112 रुपए बिका था, उसके भाव 98/100 रुपए रह गए हैं तथा इसी अनुपात में अन्य मालों में भी गिरावट आ गई है। उत्पादक मंडियों में माल को देखते हुए वर्तमान भाव में एक बार माल बेचते रहना चाहिए। नीचे वाले माल 90/93  रुपए बिक रहे हैं तथा बढ़िया कर्नाटक का 113/115 रुपए बिक रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में काबुली चने के काफी नीचे भाव चल रहे हैं। अत: एक बार माल बेचना चाहिए।

Pea: will likely to remain stable

New Delhi, 29 October (NNS):  The import prices of pea have been ruling at Rs 36/37 per kg, whereas, its consumption increased by 30 percent due to the heavy uptrend in the prices of all the pulses. Almost 70 percent huge amount of pea is being consume in the five states of eastern India. Therefore, there is no possibility of more downtrend in the prices at the current level. It is not profitable to trade at the panic situation. Here, pea is being traded at Rs 40/42 per kg and the filtered stock of pea also reported to be sell at Rs 43/45 per kg.

मटर-यहां ठहराव रहेगा

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) हम मानते हैं कि मटर के आयात सौदे विभिन्न देशों से 36/37 रुपए प्रति किलो के बीच होने लगे हैं, जबकि इसकी खपत अन्य दलहनों में आई भारी तेजी के चलते 30 प्रतिशत अतिरिक्त बढ़ गई है, पूर्वी भारत के पांच राज्यों में 70 प्रतिशत अधिक मटर खप रही है। अत: अब वर्तमान भाव में ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है, जो व्यापार हो रहा है, इसमें घबराकर माल नहीं बेचना चाहिए। यहां मटर 40/42 रुपए प्रति किलो बिक रही है तथा छनी हुई मटर 43/45 रुपए तक बिकने की खबर है।

Guar gum: likely to remain firm

New Delhi, 29 October (NNS): In Jodhpur mandi, guar gum prices held strong at Rs 10600/10700 per quintal due to the weak industrial demand. Guar prices also being quoted at Rs 5250/5300 per quintal because of the weak demand from the mills. In the markets of Haryana, guar prices also ruling at Rs 4800/4900 per quintal in loose. In NCDEX, the guar November delivery showed nominal downtrend owing to the weak speculative buying. There is no possibility of more downtrend in the prices on seeing the supply and demand during the near future.

ग्वार गम : रुका रह सकता है

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (एनएनएस) औद्योगिक मांग  घटने जोधपुर मंडी में ग्वार गम के भाव  10600/10700 रूपये प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे। गम मिलो की मांग कमजोर होने ग्वार के भाव भी 5250/5300 रुपए प्रति कुंतल बोले गए। हरियाणा की मंडियों में ग्वार के भाव 4800/4900 रूपये प्रति क्विंटल लूज में बोले गए। हालांकि सटोरिया लिवाली घटने से एनसीडीईएक्स ग्वार नवम्बर डिलीवरी में मामूली का रुख रहा। आपूर्ति व मांग को देखते हुए भविष्य में इसमें गिरावट की संभावना कम है।