नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग घटने के कारण घरेलू बाजार में शनिवार को देसी अरहर एवं मसूर के साथ ही चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि इस दौरान उड़द के भाव मिलाजुला रुख रहा। मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में स्थिर से तेज हुए। बर्मा से आयातित उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव चेन्नई में कमजोर हुए। उड़द एफएक्यू के भाव जनवरी एवं फरवरी शिपमेंट के 5 डॉलर घटकर 780 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 5 डॉलर कमजोर होकर 880 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए। इस दौरान लेमन अरहर के भाव चेन्नई में जनवरी एवं फरवरी शिपमेंट के 10 डॉलर तेज होकर 780 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए।
दाल मिलों की मांग सीमित होने से घरेलू बाजार में उड़द की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा, हालांकि दौरान चेन्नई में भी आयातित उड़द के भाव डॉलर में तीसरे दिन कमजोर हुए है। व्यापारियों के अनुसार हाल ही उड़द की कीमतों में आई गिरावट से बाजार में भय का माहौल है, इसलिए खरदीदार आगे नहीं आ रहे। हालांकि कुछ व्यापारियों का मानना है कि यहां से अब बाजार में हल्की गिरावट तो आ सकती है, लेकिन जैसे ही मिलों की खरीद बढ़ेगी, भाव तेज हो सकते हैं। म्यांमार के निर्यातक नई फसल से पहले स्टॉक हल्का कर रहे हैं जबकि घरेलू बाजार में भी दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। जानकारों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण दक्षिण भारत की दाल मिलों की खरीद बनी रहने की उम्मीद है। बर्मा में उड़द का पुराना स्टॉक बहुत कम बचा है लेकिन बर्मा के साथ ही ब्राजील में नई उड़द का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। खपत का सीजन होने के कारण दक्षिण भारत की मांग इसमें बनी रहेगी।
व्यापारियों के अनुसार अरहर, चना एवं पीली मटर की कीमतों में आई गिरावट से व्यापारियों में भय है, इसलिए उड़द की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रहे हैं। आयातकों को उड़द एसक्यू मैं इन भाव में 36 रुपये प्रति क्विंटल का मुनाफा हो रहा है। सप्ताह भर में चेन्नई में उड़द एसक्यू के भाव में 425 रुपये और एफएक्यू के भाव में 475 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। जानकारों के अनुसार दक्षिण भारत में उड़द की सर्दियों की फसल उम्मीद के मुताबिक आई, तो बर्मा से आयातित उड़द की कीमतों पर और दबाव बनेगा क्योंकि गुणवत्ता उम्मीद के मुताबिक रही तो दाल मिलर्स देसी उड़द की ओर रुख करेंगे। घरेलू बाजार में नकदी की किल्लत भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
उड़द की बुआई चालू रबी में घटकर 4.95 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 5.02 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। दाल मिलों की कमजोर मांग से देसी अरहर के भाव नरम हुए, लेकिन आयातित के भाव स्थिर हो गए। चेन्नई में डॉलर में लेमन अरहर के भाव में सुधार आया। व्यापारियों के अनुसार अरहर के भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। इस समय दाल मिलर्स जरूरत के हिसाब से ही अरहर की खरीद कर रहे हैं क्योंकि प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र में देसी अरहर की आवक बराबर बनी हुई है। चालू सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर की प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ने की उम्मीद है। केंद्र सरकार लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है। हालांकि जानकारों का मानना है कि अरहर दाल में पोंगल एवं संक्रांति की त्योहारी मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके बावजूद भी अरहर के भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है लेकिन अरहर दाल में पाइप लाइन खाली है।
आयातकों को लेमन अरहर के इन भाव में 373 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान लग रहा है। सप्ताह भर में लेमन अरहर के भाव में चेन्नई में 300 रुपये और देसी अरहर के भाव में अकोला में 375 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। महीनेभर में देसी अरहर की कीमतों में 1,500 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। म्यांमार से नई लेमन अरहर की शुरुआती आवक शुरू हो गई है। म्यांमार में लेमन अरहर का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में बढ़कर करीब 4-5 लाख टन होने का अनुमान।
दिल्ली में मांग कमजोर बनी रहने से शाम के सत्र में चना की कीमत दिल्ली में लगातार दूसरे दिन 50 रुपये कमजोर हुई। व्यापारियों के अनुसार आस्ट्रेलिया से चना की शिपमेंट लगातार आ रही है, जिस कारण कीमतों पर दबाव है। हालांकि हाजिर बाजार में देसी चना का बकाया स्टॉक कम है, साथ ही हल्की क्वालिटी के माल ज्यादा है। दाल मिलर्स जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। चालू रबी में चना की बुआई तो बढ़ी है, लेकिन नई फसल आने में अभी समय है। वैसे भी घरेलू बाजार में देसी चना का अच्छी क्वालिटी में स्टॉक नहीं के बराबर है, इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी आने पर बिकवाली करते रहना चाहिए। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण चना दाल और बेसन में मांग बनी रहने की उम्मीद है। दाल मिलों के पास बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।
महीनेभर में देसी चना की कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। ऑस्ट्रेलिया से एक जहाज जिसमें 25,788 टन ऑस्ट्रेलियाई चना है, इसके मुंद्रा बंदरगाह पर 20 जनवरी को पहुंचने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया से एक जहाज जिसमें 33,000 टन चना है, इसके मुंद्रा बंदरगाह पर 21 जनवरी को पहुंचने की उम्मीद है। चना की बुआई चालू रबी में 96.65 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 95.87 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
मुंबई में कनाडा की पीली मटर के दाम 3,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मुंबई में रसिया की पीली मटर के भाव 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मुंद्रा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के दाम 3,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि कनाडा की पीली मटर के दाम 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। उत्तर प्रदेश की कानपुर मंडी में देसी मटर के भाव 50 रुपये घटकर 3,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में देसी मसूर के दाम लगातार दूसरे दिन 50 रुपये कमजोर हुए है, लेकिन आयातित की कीमत बंदरगाह पर इस दौरान स्थिर ही बनी रही। व्यापारियों के अनुसार सरकार केंद्रीय पूल से देसी के साथ ही आयातित मसूर की बिकवाली कर रही है अत: घरेलू बाजार में मसूर की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रह सकती है। हालांकि मसूर की नई फसल आने में अभी कई माह बचे हुए हैं, जबकि मसूर के आयात पड़ते महंगे हैं। उत्पादक मंडियों में आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है। चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में घटी है। हालांकि केंद्रीय पूल में मसूर का बकाया स्टॉक ज्यादा है। ऐसे में मसूर के भाव में अभी बड़ी तेजी, मंदी के आसार नहीं है।
चालू रबी सीजन में देशभर में मसूर की बुआई घटकर 17.43 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 17.76 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। मूंग की कीमत अधिकांश उत्पादक मंडियों में स्थिर बनी रही, लेकिन जलंगाव में इसके भाव तेज हुए। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों की मंडियों में मूंग की आवक अभी बनी रहेगी, तथा खरीफ में मूंग की बुआई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई थी। अत: मूंग का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। दिल्ली में राजस्थान के माल आने से उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से पड़ते नहीं लग रहे। देश के कई राज्यों से मूंग की एमएसपी पर खरीद तो हो रही है, लेकिन कुल आवक की तुलना में खरीद सीमित मात्रा में हो रही। मूंग के दाम अधिकांश उत्पादक मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे हैं। नेफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की खरीद कुल आवक की तुलना में कम कर रही है।
मूंग की बुआई चालू रबी में बढ़कर 1.14 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 0.99 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। चेन्नई में एसक्यू उड़द के दाम 125 रुपये कमजोर होकर 7,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस दौरान एफएक्यू के दाम 125 रुपये घटकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में एसक्यू उड़द के दाम 50 रुपये तेज होकर 8,225 से 8,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, इस दौरान एफएक्यू के दाम घटकर 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 7,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। लातूर मंडी में उड़द के भाव 4,000 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, इस दौरान अकोला में उड़द के बिल्टी भाव 7,300 से 7,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 6,550 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। देसी अरहर के दाम कटनी एवं अकोला, लातूर एवं जलगांव में कमजोर हुए, जबकि अन्य मंडियों में लगभग स्थिर बने रहे।
मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमत स्थिर हो गई। सूडान से आयातित अरहर का स्टॉक नहीं के बराबर है। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। मतवारा की अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सफेद अरहर के दाम 6,450 प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में देसी मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 6,725 से 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के भाव कंटेनर में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव कंटेनर में 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,725 से 5,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि हजीरा बंदरगाह पर इसके दाम 5,800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। कानपुर मंडी में देसी मसूर के भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम शाम के सत्र में 50 रुपये घटकर 6,500 से 6,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन के चना के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 6,400 से 6,425 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। जलगांव में चमकी मूंग के भाव 100 रुपये बढ़कर 7,300 से 8,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सोलापुर में मूंग के बिल्टी भाव 6,700 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 8,000 से 8,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 7,300 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।