नई दिल्ली। दाल मिलों की खरीद बनी रहने से घरेलू बाजार में मंगलवार को भी उड़द की कीमतों में लगातार तीसरे कार्यदिवस में तेजी दर्ज की गई, जबकि इस दौरान अरहर में मिलाजुला रुख रहा। चना के साथ ही देसी मसूर एवं मूंग की कीमतों में गिरावट आई।

बर्मा से आयातित उड़द एसक्यू और एफएक्यू की कीमत चेन्नई में स्थिर हो गई। उड़द एफएक्यू के भाव नवंबर एवं दिसंबर शिपमेंट के 990 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 1,085 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए। बर्मा से आयातित लेमन अरहर के दाम चेन्नई पहुंच 1,040 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए।

अगले 24 घंटे के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, कर्नाटक, रायलसीमा और दक्षिण कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान ओडिशा के उत्तरी तट और पश्चिम बंगाल के गंगा के तटीय क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। अगले 2 से 3 दिनों के दौरान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट पर समुद्र की स्थिति खराब रहने की उम्मीद है। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, दक्षिण असम, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तर मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, दक्षिण गुजरात और पश्चिमी हिमालय में हल्की बारिश होने की संभावना है।

दाल मिलों की खरीद बनी रहने से उड़द की कीमत तेज हुई, जबकि म्यांमार से आयातित के भाव चेन्नई में स्थिर हो गए। आयातक उड़द की कीमत तेज कर रहे हैं, लेकिन बढ़ी हुई कीमतों में दाल मिलर्स जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। इसलिए उड़द की कीमतों में हल्की तेजी तो और भी बन सकती है लेकिन बड़ी तेजी टिक नहीं पायेगी। व्यापारियों के अनुसार इस बार नवरात्रि में उड़द दाल में पिछले कई साल की तुलना में मांग अच्छी रही थी तथा दिवाली के कारण अक्टूबर अंत तक मांग बनी रहेगी, इसलिए मिलों के पास हाजिर में स्टॉक कम है। हालांकि मौसम अनुकूल रहा तो उत्पादक राज्यों में नई उड़द की आवक चालू महीने के अंत तक अच्छी हो जायेगी। हालांकि उड़द दाल में मांग पहले की तुलना में बढ़ी है, तथा खपत का सीजन होने के कारण दक्षिण भारत की मांग बनी रहेगी। दक्षिण भारत के मिलर्स की नजर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फसल पर है।

दाल मिलों की सीमित मांग से अरहर की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। व्यापारियों के अनुसार त्योहारी सीजन के कारण अरहर दाल में ग्राहकी अच्छी है, इसलिए स्टॉकिस्ट इसके दाम तेज कर रहे हैं, वैसे भी उत्पादक मंडियों में देसी अरहर का बकाया स्टॉक कम है। हालांकि आयातित अरहर का बकाया स्टॉक ज्यादा है, जिस कारण बढ़े भाव में मुनाफावसूली करते रहना चाहिए। चालू सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर की प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि कर्नाटक और गुजरात में कई जगह हुई बारिश से नई फसल की आवक में कुछ देरी आशंका है। महाराष्ट्र की मंडियों में नई अरहर दिसंबर में आयेगी। केंद्र सरकार लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है, जिसे देखते हुए मौजूदा कीमतों में दाल मिलें भी जरुरत के हिसाब से ही अरहर की खरीद कर रही हैं। बर्मा से लेमन अरहर का आयात बराबर हो रहा है। खपत का सीजन होने के कारण अरहर दाल में ग्राहकी अभी बनी रहेगी तथा उत्पादक मंडियों में देसी अरहर की आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है।

दाल मिलों की खरीद कमजोर बनी रहने से शाम के सत्र में दूसरे दिन चना के भाव 125 रुपये कमजोर हुए। हालांकि इन भाव में जहां बिकवाल नहीं है, वही खरीददार भी नहीं है। व्यापारियों के अनुसार स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली से चना के भाव में मंदा आया है। हालांकि व्यापारी अब ज्यादा मंदे में नहीं है, क्योंकि खपत का सीजन होने के कारण चना दाल एवं बेसन में ग्राहकी बनी रहेगी। इसलिए इसके भाव आगे फिर सुधार आने की उम्मीद है। उधर ऑस्ट्रेलिया से आयातित नया चना नवंबर एवं दिसंबर में ही आएगा। घरेलू मंडियों में अच्छी क्वालिटी का चना सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है, तथा अच्छे मालों की किल्लत है। अत: दाल मिलों की मांग चनला में बनी रहने की उम्मीद है तथा मिलों के पास बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।

मुंबई में कनाडा की पीली मटर के दाम 3,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मुंबई में रसिया की पीली मटर के भाव 3,475 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मुंद्रा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के दाम 3,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि कनाडा की पीली मटर के दाम 3,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। उत्तर प्रदेश की कानपुर मंडी में देसी मटर के भाव 3,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में देसी मसूर की कीमतों में दूसरे दिन भी 25 रुपये का मंदा आया है, जबकि व्यापारी बड़ी गिरावट के पक्ष में नहीं है। वैसे भी आयातित के दाम बंदरगाह पर स्थिर ही बने हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार मसूर के आयात पड़ते महंगे हैं तथा खपत का सीजन होने के कारण मसूर दाल में प्रमुख राज्यों बिहार, बंगाल एवं असम की मांग बनी रहेगी, इसलिए मिलों को मसूर की खरीद करनी होगी। मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की दैनिक आवक सीमित मात्रा में ही हो रही हैं। इसलिए मसूर के भाव में अभी ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है। हालांकि चालू सीजन में मसूर का घरेलू उत्पादन अनुमान ज्यादा था, जिस कारण उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक अभी भी अच्छी मात्रा में बचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय पूल में मसूर का करीब 8 लाख टन का स्टॉक है।

दिल्ली में मूंग के दाम स्थिर हो गए, जबकि जयपुर में इसके भाव में मंदा आया। व्यापारियों के अनुसार कर्नाटक के साथ ही राजस्थान से मूंग की एमएसपी पर खरीद तो हो रही है, लेकिन कुल आवक की तुलना में खरीद सीमित मात्रा में होने से कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। वैसे भी उत्पादक राज्यों की मंडियों में नई मूंग की आवक लगातार बढ़ रही है। वैसे भी चालू खरीफ में मूंग की कुल बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है, जिस कारण उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। दिल्ली में राजस्थान के माल आने से उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से पड़ते नहीं लग रहे। इसलिए इसके भाव में एकतरफा बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।

चेन्नई में एसक्यू उड़द के दाम 50 रुपये तेज होकर 9,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, इस दौरान एफएक्यू के दाम 75 रुपये बढ़कर 8,500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दिल्ली में एसक्यू उड़द के दाम 100 रुपये तेज होकर दाम 9,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, इस दौरान एफएक्यू के दाम 75 रुपये बढ़कर 8,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मुंबई में उड़द एफएक्यू की कीमत 50 रुपये बढ़कर 8,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। कोलकाता में उड़द एफएक्यू के दाम 8,500 से 8,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 75 रुपये बढ़कर 9,175 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, इस दौरान विजयवाड़ा में इसके दाम 100 रुपये तेज होकर 9,100 से 9,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 100 रुपये तेज होकर 9,500 से 9,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 200 रुपये बढ़कर 10,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

देसी अरहर के दाम सोलापुर, कटनी, अकोला और कानपुर में तेज हुए, जबकि अन्य मंडियों में स्थिर बने रहे। मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 200 रुपये तेज होकर 9,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। सूडान से आयातित अरहर के दाम 200 रुपये बढ़कर 10,200 से 10,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 7,250 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मतवारा की अरहर के भाव 7,100 से 7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सफेद अरहर की कीमत 50 रुपये घटकर 7,550 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।

दिल्ली में देसी मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 6,675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के भाव कंटेनर में 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमत कंटेनर में 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 6,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि हजीरा बंदरगाह पर इसके दाम 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। पटना मंडी में देसी मसूर के भाव 25 रुपये घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम शाम के सत्र में 125 रुपये घटकर 7,300 से 7,325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन के चना के भाव 125 रुपये कमजोर होकर 7,200 से 7,225 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दिल्ली में राजस्थान लाइन की मूंग के दाम 6,650 से 7,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जलगांव में चमकी मूंग के भाव 7,300 से 8,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इंदौर में बोल्ड मूंग के दाम 8,000 से 8,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। जयपुर मंडी में मूंग के बिल्टी भाव 100 रुपये कमजोर होकर 7,100 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।